1947 ओर हिटलर जब यहूदियों को मारा

1947 में यहुदियों से भरा जहाज़, जिस पर लिखा था फिलिस्तीनी मुसलमानों तुम ही हमारी आखिरी उम्मीद हो- हमें पनाह दे दो

इस यहूदियों से भरे जहाज की हक़ीक़त पता है आप को ? हिटलर
जब यहूदियों को मार रहा था,तो कुछ को जिन्दा छोड़ दिया था, और हिटलर ने कहा था की मैं चाहु तो सभी यहूदियों को ख़त्म कर सकता हु लेकिन मैं कुछ को जिन्दा छोडूंगा ताकि दुनिया देखे की मैंने इनको क्यों मारा.
भागते हुए यहूदी से भरा हुवा ये जहाज है फलिस्तीनी बंदरगाह पर जा रुका जिस पर लिखा हुवा था की जर्मनी में हमारा सब कुछ तबाह हो गया, तुम ( फलस्तीनी मुस्लिम ) हमारी आखरी उम्मीद हो,हमें पनाह दे दो….

और फिलिस्तीनी मुस्लिमो में इन यहूदियों को न ही गले लगाया बल्कि अपने मुल्क में पनाह दी रहने को ज़मीन दी, खाने को खाना दिया उनके बच्चों को अपनाया यतीमों विधवाओं के सर पर हाथ रखा.




आज यही यहूदी फ़लस्तीनियो पर सबसे ज्यादा जुल्म कर रहे है,इन यहूदियो ने फ़लस्तीनियो पर इतना जुल्म किया की फलस्तीन की जमीन खून से लाल हो गयी.

अब आप समझ गए होंगे की हिटलर ने यहूदियों का कत्लेआम क्यों किया था… इन्शा अल्लाह अब वो वक़्त भी करीब है जब पहाड़, पेड़, पौधे खुद बोलेंगे कि ऐ मुसलमान, मेरे पीछे यहूदी छिपा है इसको क़त्ल करो,,,,
या अल्लाह इन ज़ालिमो का नामोनिशान इस दुनिया से मिटा दे,,,या अल्लाह पूरी दुनिया के मुसलमानों के दिल मे अपने मुसलमान भाई के लिए वो,,,मुहब्ब्त डाल दे,,,जो सहाबा के दौर में एक सहाबी की दूसरे सहाबी के लिए थी,,,या अल्लाह,, दुनिया के तमाम इस्लामी मुल्को,,,,,,के रहनुमाओं के दिल मे,,,मोमिनों के लिये मुहब्ब्त पैदा फ़रमा,,,

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