हक बात लिख दी किसी ने

अपने नाम के पीछे हाजी लगाने वाले बताये उन्होंने हज अल्लाह के लिए किया है या दुनिया को दिखाने के लिए
किया कभी अल्लाह के रसूल या किसी सहबी ने अपने नाम के पीछे हाजी लगाया 

ओर ये अपने आप को कॉम के रहबर बताने वाले बताए किया इन्होंने कभी कॉम की गलियों में फिर फिर के मालूम किया के कोई भूका तो नही सो रहा है 

यहाँ लोग कोई मेंम्बर बन के खुस होरहा है तो कोई दावते खा के ये जो जिम्मेदारी लेके बेटे है खुदा की कसम जवाब देना भारी पड़ेगा 

ये कॉम का रहबर बनने का मतलब ये नही की सिर्फ कॉम की जमीनों का दियान रखा जाए साथ ही कॉम के जरूरत मंदो का भी ख्याल होना चाहिये 

सुनने में आता है कि मस्जिदों के पैसे मस्जिदों में नही लगते अगर ये सच है तो खुदा की कसम ये कल कयामत के दिन किया जवाब देंगे मस्जिद का पैसा लोग मस्जिद के काम के लिए मस्जिद के गल्ले में डालते है किसी  का घर भरने के लिए नही 
ये बाती बुरी लगी तो कोई दिखत नही गलत गलत होता है

साथी ये भी बता दु ये मस्जिदों के भर बैठके सिर्फ बोलने वाले भी दियान से सुनले ये गिबते करना बोलने की जग ना बोलने का जवाब भी देना तुम कल कयामत के दिन जवाब देना भारी पड़ सकता है

अल्लाह केने सुनने से ज्यादा अमल की तौफ़ीक़ दे अल्लाह तुम लोगो की मगफिरत फ़रमाये अल्लाह मेरी भी मगफिरत फ़रमाये आमीन 

हमारा चेनल यहाँ से किल्क कर के सुब्स्क्रिब करे sach ka daai

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