- Get link
- X
- Other Apps
- Get link
- X
- Other Apps
शादी की पहली रात थी दूल्हा खाने का बड़ा सा थाल हाथ में लिय़े कमरे में दाखिल हूआ खाने से बहुत उम्दा खुशबू आ रही थी कहने लगा आओ खाना खाते हे
बीवी बोली मेने देखा तुमहारी अम्मी ने भी खाना नही खाया हे उनको भी बुला लो फ़िर मिलकर खाते हे
शौहर कहने लगा वह सो गई होगी छोड़ो हम दोनो खाते हे बीवी क़े कई बार इसरार क़े बाद भी शौहर अम्मी को बुलाने नही गया
जब उसने शौहर का ये रवेय्या देखा तो तलाक का मुतालबा कर दिया तो वह हेरान हो गया ओर तलाक हो गया
दोनो अलग अलग हो गये ओर दोनो ने दूसरी शादिया करली 30 साल गुजर गये उस औरत क़े तीन बेटे हुये बहुत मुहब्बत करने वाले बहुत आसुदा हाल थी वह
उसने तीनो बेटों क़े साथ हज करने का इरादा किया तो सफर क़े दौरान बेटे माँ क़े साथ इस तरह पेश आ रहे थे जसे कोइ मलका हो
रास्ते में एक आदमी पर नज़र पड़ी बहुत बुरी हालत में भूखा प्यासा पुराने कपड़े निढाल बेठा था किसी क़े जरिये वह भी हज क़े मुक़द्दस सफर पर भेजा गया था
औरत ने अपने बेटोँ से उसे उठाकर हाथ मुँह धुलाकर खाना खिलाने को कहा वह पेहचान गई थी ये उस्का पहला शौहर हे (था)
वह कहने लगी ये वक़्त ने तुम्हारे साथ क्या किया जवाब मिला' मेरे बच्चो ने मेरे साथ भलाई नही की' औरत कहने लगी वह क्यु करती भलाई तुमने भी तो अपने वालिदैन क़े साथ बुरा सुलूक किया था में उस दिन जान गई थी की तुम माँ बाप क़े हुकूक अदा नही करते इसलिए में डर गई थी कल को मेरे साथ भी ऐसा ही होगा
देखो आज में कहाँ हूँ ओर तुम कहाँ हो.
माँ बाप क़े साथ बुरा सुलूक अल्लाह की नाफ़रमानी हे, जिस किस्म का बुढापा हम गुजारना चाहते हे वेसा ही माँ बाप का बुढापा गुजरने में मदद करनी चाहिये क्यूँकि ये ऐसा अमल हे जिसका बदला दुनिया में ही दे दिया जाता हे ख्वाह अच्छा हो या बुरा.
हमरा चैंनल लाल बटन दबा के यह से सुब्स्क्रिब करे sach ka daai
बीवी बोली मेने देखा तुमहारी अम्मी ने भी खाना नही खाया हे उनको भी बुला लो फ़िर मिलकर खाते हे
शौहर कहने लगा वह सो गई होगी छोड़ो हम दोनो खाते हे बीवी क़े कई बार इसरार क़े बाद भी शौहर अम्मी को बुलाने नही गया
जब उसने शौहर का ये रवेय्या देखा तो तलाक का मुतालबा कर दिया तो वह हेरान हो गया ओर तलाक हो गया
दोनो अलग अलग हो गये ओर दोनो ने दूसरी शादिया करली 30 साल गुजर गये उस औरत क़े तीन बेटे हुये बहुत मुहब्बत करने वाले बहुत आसुदा हाल थी वह
उसने तीनो बेटों क़े साथ हज करने का इरादा किया तो सफर क़े दौरान बेटे माँ क़े साथ इस तरह पेश आ रहे थे जसे कोइ मलका हो
रास्ते में एक आदमी पर नज़र पड़ी बहुत बुरी हालत में भूखा प्यासा पुराने कपड़े निढाल बेठा था किसी क़े जरिये वह भी हज क़े मुक़द्दस सफर पर भेजा गया था
औरत ने अपने बेटोँ से उसे उठाकर हाथ मुँह धुलाकर खाना खिलाने को कहा वह पेहचान गई थी ये उस्का पहला शौहर हे (था)
वह कहने लगी ये वक़्त ने तुम्हारे साथ क्या किया जवाब मिला' मेरे बच्चो ने मेरे साथ भलाई नही की' औरत कहने लगी वह क्यु करती भलाई तुमने भी तो अपने वालिदैन क़े साथ बुरा सुलूक किया था में उस दिन जान गई थी की तुम माँ बाप क़े हुकूक अदा नही करते इसलिए में डर गई थी कल को मेरे साथ भी ऐसा ही होगा
देखो आज में कहाँ हूँ ओर तुम कहाँ हो.
माँ बाप क़े साथ बुरा सुलूक अल्लाह की नाफ़रमानी हे, जिस किस्म का बुढापा हम गुजारना चाहते हे वेसा ही माँ बाप का बुढापा गुजरने में मदद करनी चाहिये क्यूँकि ये ऐसा अमल हे जिसका बदला दुनिया में ही दे दिया जाता हे ख्वाह अच्छा हो या बुरा.
हमरा चैंनल लाल बटन दबा के यह से सुब्स्क्रिब करे sach ka daai
Comments
Sahi he jesa hum hamare ma bap ke sath karenge wesa hi hamare bache hamare sath karenge
ReplyDelete